चंपावत जिले को मॉडल बनाने के लिए पहली बार डेढ़ दर्जन केंद्रीय संस्थान जुड़े

चंपावत(उत्तराखंड)- उत्तराखंड स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी यू कास्ट की देखरेख में चंपावत को ऐसा मॉडल जिला बनाने में देश के डेढ़ दर्जन केंद्रीय वैज्ञानिक संस्थान समग्र रूप से ऐसा स्वरूप तैयार करने में लगे हुए हैं जिससे कि यह जिला देश के मानचित्र में अपनी अलग ही चमक, महक एवं दमक देने के साथ ऐसी समृद्धि आएगी कि यहां के लोगों के चेहरों की मुस्कान ही उनकी खुशहाली की पहचान होगी।

यह बात यू-कांस्ट के महानिदेशक प्रो दुर्गेश पंत ने यहां कलेक्ट्रेट सभागार में चंपावत को मॉडल जिला बनाने के लिए फ्रेंड्स ऑफ चंपावत फोरम का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किये।

उन्होंने कहा कि चंपावत में पहला महिला विज्ञान तकनीकी पार्क की स्थापना कर यहां की महिलाओं को हर दृष्टि से सशक्त एवं समर्थ बनाया जाएगा की वे एक दूसरे को रोजगार देने में सक्षम होंगी। जिले में देहरादून के बाद पहली ऐसी हाईटेक मौसम विज्ञान की वेध शाला स्थापित की जा रही है जो पल पल मौसम के मिजाज की जानकारी देगी। ए आई टेक्नोलॉजी के जरिए यहां की एक हजार छात्राओं को जोड़ा जाएगा।

उन्होंने कहा की यहां पहली लैब ऑन व्हील संचालित कर राह चलते परीक्षण में मदद मिलेगी।
चंपावत में पचास करोड़ रुपए लागत से स्थापित किए जा रहे विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी का ऐसा केंद्र बनने जा रहा है जिससे यहां के बच्चों में ऐसी वैज्ञानिक सोच पैदा होगी कि वे जीवन के हर क्षेत्र में ऊंची उड़ान भर सकेंगे। लोहाघाट एवं चंपावत में पेटेंट इनफॉरमेशन सेंटर पीआईसी खोले जा रहे हैं।

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इससे पूर्व चंपावत को मॉडल जिले के लिए नोडल अधिकारी बनाए गए महानिदेशक प्रो. पंत का स्वागत करते हुए जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने कहा कि जिले की जिस वैज्ञानिक रूप से तस्वीर बनाई जा रही है उसका यहां के लोगों को ऐसा दूरगामी लाभ मिलेगा जिससे यहां के हर क्षेत्र में लोग अपनी तकदीर बदल सकेंगे। उन्होंने प्रो. पंत से टनकपुर से बागेश्वर के लिए प्रस्तावित रेल लाइन के निर्माण में तकनीकी पहलुओं में सहयोग की अपील की।

इसरो के वैज्ञानिक डॉ एच सी कर्नाटक एवं डॉ कमल पांडे ने अपनी कार्य योजना पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉक्टर हैरीशा वर्मा ने कहां की चंपावत में मेडिसिनल मशरूम का ऐसा हब बनाया जाएगा जिसमें पाँच हज़ार से अधिक महिलाओं को रोजगार देने की गारंटी होगी। हेल्थ एवं वैलनेस का यह एक ऐसा कार्यक्रम होगा कि सारे उत्पादन का संग्रह स्थानीय स्तर पर किया जाएगा। संचालन डॉ एच एस अधिकारी ने किया।

वैज्ञानिकों ने कहां की पर्यटन, ईको पर्यटन, साहसिक पर्यटन, मौन पालन, मत्स्य पालन, आदि हर क्षेत्र में विकास का ऐसा रोड मैप तैयार किया गया है जिसे न केवल रोजगार के नए अवसर मिलेंगे बल्कि जैविक उत्पादों के लिए जिले की विशेष पहचान भी होगी। वैज्ञानिकों का यह भी कहना था कि जंगलों को दावाग्नि से बचाने के लिए आग लगने के कारकों से रोजगार पैदा किया जाएगा।

यही नहीं जिले के शहरी क्षेत्र के कूड़े को एकत्रित कर उसका ईंधन का विकल्प तैयार किया जाएगा.
इससे पूर्व फ्रेंड्स आफ चंपावत फोरम के संयोजक सीडीओ संजय कुमार ने सभी का स्वागत करते हुए फोरम की अवधारणा से अवगत कराया। इस अवसर पर एसपी अजय गणपति, नवागत डीडीओ डीएस दिगारी समेत सभी जिला स्तरीय अधिकारी,वैज्ञानिक एवं विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रही महिलाएं भी मौजूद थी।

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