40 बच्चों का सैनिक स्कूल में चयन: कपकोट के प्राथमिक विद्यालय ने रचा इतिहास!

बागेश्वर, उत्तराखंड: उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के कपकोट में स्थित एक प्राथमिक विद्यालय ने इतिहास रच दिया है। इस विद्यालय के सभी 40 बच्चों का चयन प्रतिष्ठित घोड़ाखाल सैनिक स्कूल में हुआ है। यह देश में किसी भी स्कूल के लिए एक अभूतपूर्व उपलब्धि है।

उत्तराखंड के एक प्राथमिक विद्यालय ने इतिहास रचा:

उत्तराखंड के जिला बागेश्वर के कपकोट के प्राथमिक विद्यालय के 40 बच्चों में से 40 बच्चों का चयन नैनीताल जिले के घोड़ाखाल सैनिक स्कूल में हुआ है। ऐसा देश के इतिहास में पहली बार हुआ है, जब किसी स्कूल के सभी बच्चों का चयन इस स्कूल में हुआ हो।

यह सफलता प्रधानाचार्य खयाली दत्त शर्मा और उनके समर्पित शिक्षकों की कड़ी मेहनत और लगन का परिणाम है। उन्होंने न केवल बच्चों को शिक्षा दी, बल्कि अनुशासन और देशभक्ति का पाठ भी पढ़ाया।

सफलता के पीछे का रहस्य:

  • कड़ी मेहनत और लगन: बच्चों को रात 9 बजे तक क्लासें दी जाती थीं।
  • नवीन शिक्षण विधियां: गणित को गीतों के माध्यम से सिखाया गया।
  • सीमित संसाधनों का सदुपयोग: स्कूल में संसाधनों की कमी के बावजूद बच्चों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
  • प्रेरणादायक वातावरण: बच्चों को देशभक्ति और अनुशासन का पाठ पढ़ाया गया।

राष्ट्रीय महत्व:

  • पीएमश्री योजना: यह योजना सरकारी स्कूलों को मजबूत बनाने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए शुरू की गई थी। कपकोट के स्कूल की सफलता इस योजना की सार्थकता को दर्शाती है।
  • शिक्षा में बदलाव: यह कहानी सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने और उन्हें बेहतर बनाने के लिए प्रेरणा देती है।

निष्कर्ष:

कपकोट के प्राथमिक विद्यालय की सफलता हमें सिखाती है कि कड़ी मेहनत और लगन से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। यह सरकारी स्कूलों के लिए एक प्रेरणादायक कहानी है और शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

यह कहानी हमें उम्मीद देती है कि भारत के सरकारी स्कूलों का भविष्य उज्ज्वल है।

यह 40 बच्चों की सफलता न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का विषय है।

यह कहानी निश्चित रूप से हमें प्रेरित करती है और हमें सिखाती है कि कठिन परिश्रम और समर्पण से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।

Mohan Negi

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