खटीमा में सवा लाख लोगो तक प्रसादम वितरण टोली पहुंचाएगी राम मंदिर का प्रसाद
खटीमा(उधम सिंह नगर)- श्रीराम मन्दिर अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या से लाए प्रसाद का वितरण को लेकर रविवार को भव्य प्रसादम कार्यक्रम का आयोजन सनातन धर्मशाला में किया गया। जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से हजारों परिवार के राम भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।
क्षेत्रों से आई मातृशक्ति ने पारंपरिक वेशभूषा में धर्मशाला परिसर में प्रवेश किया, जबकि क्षेत्र की युवा शक्ति जय श्रीराम के नारों के साथ बाइक रैली के साथ पहुंचे। अयोध्या से लौटे विहिप के प्रांत सह मंत्री रंदीप पोखरिया के निर्देशन में प्रसाद वितरण का कार्यक्रम संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत सनातन हिंदू समाज के पांच अलग-अलग स्तम्भों (जातियों) का प्रतिनिधित्व करने वाले लोगों की पूजा करने के बाद की गई। श्रीराम ने जिस प्रकार केवट, शबरी, सुग्रीव, जटायु और विभीषण जैसे वंचित लोगों को अपनाया था।
वही संदेश देते हुए इस कार्यक्रम में लक्ष्मी कनक बिहारी दास एवं मंचासिन अतिथियों द्वारा अलग-अलग समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले लोगों का पूजन कर समाज में समरसता, एकरूपता का संदेश देते हुए कार्यक्रम प्रारम्भ किया।
खटीमा का प्रतिनिधित्व:
विहिप के प्रांत सह मंत्री पोखरिया राम मन्दिर से जुड़े सभी कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका में रहे हैं और अभी अभी विश्व हिंदू परिषद की योजना से अयोध्या में एक माह तक राम भक्तों की सहायता करने के बाद लौटे हैं।
कार्यक्रम में अयोध्या धाम से आयी पूज्य संत लक्ष्मी कनक बिहारी दास द्वारा 8 वर्ष की बच्ची से लेकर 60 वर्ष की बुजुर्ग माता में मां सीता के दर्शन करते हुए राम राज्य स्थापित करने का संदेश दिया। विहिप के प्रांत संगठन मंत्री अजय ने राम मन्दिर आंदोलन का इतिहास एवं खटीमा से जेल गए 16 कारसेवकों के योगदान के लिए खटीमा का धन्यवाद किया।
अयोध्या में खटीमा का प्रतिनिधित्व करने वाले रंदीप पोखरिया ने कार्यक्रम की भूमिका रखते हुए क्षेत्रों के लोगों की राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े होने की बात बताते हुए खटीमा की धरती को नमन किया।
उन्होंने कहा कि लगभग सवा लाख लोगों तक प्रसाद पंहुचाने के लक्ष्य और राम काज के लिए मिलने वाली जिम्मेदारी को प्रसाद मानकर इस जिम्मेदारी को प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद बताया।
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कार्यक्रम का संचालन ओमकार बिष्ट ने “रामो विग्रहवान धर्म” राम के विग्रह को ही धर्म बताया। इस दौरान मोहनी पोखरिया, ललित जोशी, हिमांशु कन्याल, अशरफी लाल, नंदन सिंह खडायत, प्रमोद गड़कोटी, हनुमान सिंह, कविंद्र कफलिया, आदि मौजूद थे।