22 जनवरी को राज्य में सभी प्रमुख पूजियों, गुरुद्वारों में होगा प्रसाद वितरण, 22 जनवरी को राज्य में गूंजा डे, मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय से सभी जिला संग्रहालयों के साथ वर्चुअल बैठक कर निर्देश दिए कि आगामी 14 से 22 जनवरी 2024 तक प्रदेश में सांस्कृतिक उत्सव के तहत भव्य आयोजन होंगे। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. इसके अंतर्गत पूरे प्रदेश में जन-आंदोलन के साथ भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे सामने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्शों की सेवा करने का जो अवसर है, उस अवसर पर हम अपने “विकल्प-अनुपयोगी संकल्प” को पूरा करने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। हमें उत्तराखंड को देश का सबसे अच्छा राज्य बनाना है। आगामी 22 जनवरी को रामलला अयोध्या में शामिल होने जा रहे हैं और यह ऐसा अवसर है, जिसका हम वर्षों से इंतजार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सौ चालीस करोड़ देशवासियों को रामोत्सव का सुअवसर दिया है। भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के इस भव्य आयोजन में प्रदेश में दिव्य एवं गरिमामयी आयोजन में सभी को सहयोगी बनाया जाएगा।
स्वच्छता अभियान चलाने का भी दिया निर्देश:-
मुख्यमंत्री ने जिलों में पोखरों, घाटों, आश्रमों, शहरों में बड़े स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाया जाए। सभी मानक यह सुनिश्चित करें कि यह कार्यक्रम केवल सरकारी कार्यक्रम तक सीमित नहीं है। इसमें महिला मंगल दल, युवा मंगल दल, स्वयं सहायता समूह, सामाजिक कार्यकर्ता और आम जन की सलामी से दीपोत्सव, रामचरितमानस पाठ, भजन-कीर्तन, प्रसाद वितरण, स्वतंत्रता कार्यक्रम आदि शामिल हैं। 22 जनवरी को सभी प्रमुख पुजारियों, गुरुद्वारों में प्रसाद वितरण किया जाएगा। जन आशु से गरीब तक प्रसाद वितरण की व्यवस्था की जाये। प्रसाद के रूप में उत्तराखंड के मीट्स को और अधिक से अधिक शामिल किया जाए।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि 22 जनवरी को सभी घरों में दीपोत्सव के लिए लोगों को प्रेरित किया जाए। सूर्य उत्तरायण में भगवान प्रवेश कर रहे हैं, इस शुभ अवसर पर अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। पूरे प्रदेश में इस अवसर पर दीपावली का उत्सव मनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने 14 से 22 जनवरी तक सभी जिलों में विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन के निर्देश दिए। प्रमुख घाटों पर आरती, राम भजन, कलश यात्रा, दीवार पेंटिंग, नॉर्वे में प्रकाश व्यवस्था और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कार्यक्रमों में नवीनता हो। सबसे अच्छा कार्यक्रम करने वाले जिले को भी सम्मानित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभाग अपने स्तर से भी इस नामांकन कार्यक्रम में शामिल हों। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि 22 जनवरी को राज्य में जादू डे घोषित किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि वृद्धश्रमों, नारी निकेतन, कुष्ठश्रमों, अनाथालयों में भी सांस्कृतिक उत्सव के तहत कार्यक्रम आयोजित किये गये।
इस अवसर पर सभी जिलों में 14 से 22 जनवरी तक सांस्कृतिक उत्सव होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी गई। रघुनाथ मंदिर, देवप्रयाग में राम भजन के साथ भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। ऑटोमोबाइल्स में वास्तुशिल्प एवं पंचेश्वर मंदिर में भव्य आयोजन। चंपावत छत पर स्थित राम मंदिर और शारदा घाट में भी कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। बागेश्वर में उत्तरायणी कौथिक में राम मंदिर थीम पर आधारित हुंकारियां बिखेरेंगी। कैटरमल में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। प्रयागों और पंचबद्री में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। नन्हें में कैंची धाम और नेना देवी मंदिर में भी हुआ भव्य आयोजन।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव एवं आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पांडे, सचिव संस्कृति सचिव एच.सी. सेमवाल, निदेशक संस्कृति शिक्षक बीना भट्ट और कक्षा माध्यम के सभी पद शामिल थे।