मणिपुर: हिंसा के ताज़ा दौर में 5 नागरिकों की मौत:

मणिपुर के अलग- अलग जगहों में लगातार हिंसा की घटनाएं दर्ज की जारी है पुलिस के बयान के अनुसार, अज्ञात हथियारबंद बदमाशों ने बिष्णुपुर जिले के निंगथौखोंग खा खुनौ में चार और कांगपोकपी जिले के कांगचुप चिंगखोंग में एक नागरिक की हत्या कर दी।
पुलिस ने गुरुवार को बताया कि मणिपुर में दो अलग-अलग घटनाओं में अज्ञात बदमाशों ने पांच नागरिकों की हत्या कर दी।वहीं हिसा की घटना में बीएसएफ के तीन जवान भी घायल हो गए हैं।

बिष्णुपुर जिले में हिंसा:-

पुलिस के बयान के अनुसार, अज्ञात हथियारबंद बदमाशों ने बिष्णुपुर जिले के निंगथौखोंग खा खुनौ में चार और कांगपोकपी जिले के कांगचुप चिंगखोंग में एक नागरिक की हत्या कर दी।

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बिष्णुपुर के पुलिस अधीक्षक मेघचंद्र सिंह ने कहा, कि बिष्णुपुर जिले में मारे गए चार नागरिकों के हत्यारों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।हम सभी शवों को बरामद करने में कामयाब रहे हैं और उन्हें पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है

मृतकों की पहचान ओइनम बामोनजाओ सिंह (61), उनके बेटे ओइनम मनितोम्बा सिंह (32), थियाम सोमेंद्रो सिंह (55) और निंगथौजम नबद्वीप सिंह (40) के रूप में हुई।

कांगपोकपी में मारे गए नागरिक की पहचान थियाम कोनजिन के रहने वाले ताखेललंबम मनोरंजनन के रूप में की गई है। पुलिस के मुताबिक, मनोरंजन का शव कांगचुप चिंगखोंग के पास बंकर हिल्स से बरामद किया गया।

पुलिस ने कहा कि बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात को हथियारबंद बदमाशों के बीच गोलीबारी में उनकी संदिग्ध रूप से मौत हो गई।

बुधवार की रात, थौबल जिले के खंगाबोक में भीड़ द्वारा की गई गोलीबारी में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के तीन जवान गोली लगने से घायल हो गए।

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घटना के बाद कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन:-

कथित तौर पर मारे गए चारों लोग एक खेत की जुताई कर रहे थे जब उन पर हमला हुआ और मौतों के बाद, इंफाल घाटी के कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन होने शुरू हो गए।
गुरुवार को राज्य के कई हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए जो तनावपूर्ण बने रहे, सुरक्षाकर्मी और प्रशासन आठ महीने से चली आ रही हिंसा पर काबू पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

मई 2023 से हिंसा जारी:-

बता दें कि मई 2023 से मणिपुर बहुसंख्यक मैतेई समुदाय और आदिवासी कुकी के बीच जातीय हिंसा की चपेट में है, साथ ही अन्य समुदाय भी इस हिंसा की चपेट में आ गए हैं जो लगातार जारी है।
पिछले आठ महीनों में कम से कम 207 लोगों की जान चली गई है और 70,000 से अधिक लोग घर से बेघर हो गए हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अभी तक 180 लोग मारे जा चुके हैं। 1,108 घायल , 32 लापता और 4,786 घर जला दिए गए और मंदिरों और चर्चों सहित 386 धार्मिक संरचनाओं को तोड़ दिया गया।

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